अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मनाया गया सर सैय्यद डे
सर सैय्यद के मजार पर की गई गुलपोशी
सर सैय्यद के सपने को साकार करने की शपथ
एक हाथ में कुरान एक में साइंस:सर सैय्यद खाँ
अलीगढ़: गुरुवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 202 वाँ सर सैय्यद डे मनाया गया, फजर की नमाज के बाद सर सैय्यद अहमद खां के मजार पर गुलपोशी और चादर चढ़ाने के साथ कार्यक्रम की शुरआत की गई, इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ0 फ्रैंक इस्लाम अपनी वाइफ के साथ बग्गी पर सवार होकर प्रोग्राम स्थल पर पहुंचे।
वीओ- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैय्यद अहमद खां के 202वें जन्मदिन के जश्न की शुरुआत सुबह लाल मस्जिद में फजर की नमाज के बाद कुरान खानी के साथ की गई, जिसके बाद प्रोग्राम के मुख्य अतिथि डॉ0 फ्रैंक इस्लाम और उनकी वाइफ डॉ0 डेवी, एएमयू कुलपति प्रो0 तारिक मंसूर ने सर सैय्यद अहमद खां के मजार पर गुलपोशी करने के बाद चादर चढ़ाई, कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सुबह 9 बजे मुख्य अतिथि डॉ0 फ्रैंक इस्लाम ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, प्रदर्शनी में सर सैय्यद अहमद खां द्वारा लिखी किताबों को पेश किया गया, इस दौरान बड़ी संख्या में एएमयू के छात्र छात्राएं मौजूद रहे, बताया गया कि हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल सर सैय्यद अहमद खां का सपना था कि हिंदुस्तान में एक हाथ में कुरान और दूसरे में साइंस हो, उनकी प्रसिद्धियो को याद करते हुए जन्मदिन मनाया गया, जिसके बाद मुख्य अतिथि डॉ0 फ्रैंक इस्लाम उनकी वाइफ डॉ0 डेवी और एएमयू कुलपति प्रो0 तारिक मंसूर वीसी हाउस से बग्गी द्वारा प्रोग्राम स्थल पर पहुंचे, जहां उनका जोरदार इस्तकबाल किया गया, सर सय्यद अहमद खां ने अलीगढ़ में A.M.U की बुनयाद रख कर पूरे अलीगढ़ को एक नई पहचान दी और इल्म की कमी से जूझ रही कौम को एक अमूल्य कोहेनूर दिया, उन्होंने अँधेरे में एक ऐसा चिरांग रोशन किया, जिसकी चमक आज सारे विश्व में फैली है, आज लगभग 100 सालो बाद सर सय्यद का लगाया ये पौधा एक तनावर दरख़्त बन चुका है, जिसके साए से हाज़ारो मुस्तक़बिल फेज़ेआब है, ये केवल एक यूनिवर्सिटी नही बल्कि सर सैयद के ख्वाबों का कारवाँ है।