अलीगढ़ : दशहरा पर्व को लेकर अलीगढ़ जिला प्रशासन द्वारा 1 महीने पहले से तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं, रावण के पुतले को तैयार करने के लिए बाहर से कारीगर बुलाए जाते हैं, लगभग 1 महीने में रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला तैयार हो पाता है, इस बार अलीगढ़ में 70 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया है, वहीं मेघनाथ और कुंभकरण का 55-55 फीट का बनाया गया है, बाहर से आए कारीगर अशफाक खान ने बताया पिछले 1 महीने से उनके साथ 12 कारीगर पुतलों को बनाने में लगे हैं, हालांकि पिछले साल उन्हें ₹48000 का घाटा हुआ था, जिसके बाद इस बार जिला प्रशासन ने ₹50000 बढ़ाकर उन्हें ढाई लाख रुपए में ठेका दिया है, अशफाक खान ने बताया अलीगढ़ के अलावा वह मुंबई, अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा, कानपुर और आगरा सहित दर्जनों जिलों में रावण के पुतले बना चुके हैं, उन्होंने बताया यह उनका पुश्तैनी काम है, जो उनके दादा, परदादा पिछले साढे 300 सौ सालों से लगातार करते चले आ रहे हैं, बढ़ती महंगाई को देखते हुए उन्होंने कहा यह केवल सीजन का काम है, अन्य दिनों में वह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, इस बार अलीगढ़ के रावण दहन में लोगों को कुछ अलग नजारा देखने को मिलेगा, इस सवाल के जवाब में कारीगर ने बताया कि इस बार रावण दहन होने पर रावण की आंखों से खून के आंसू बरसाए जाएंगे, जिसके लिए विशेष तैयारियां की गई हैं, हालांकि पिछली बार इस तरीके का आयोजन किसी कमी के चलते पूरा नहीं हो पाया था, लेकिन इस बार इस आयोजन को पूरा करने के लिए अशफाक खान पूरी तरीके से आश्वस्त नजर आए।
रावण का पुतला दहन के लिए बनाता है मुस्लिम युवक