अलीगढ़ उत्तर प्रदेश
एफडीए विभाग की टीम ने घुडियावाग में छापेमार कार्यवाही करते हुए प्रतिबंधित 23 पान मसाले के कार्टून पकड़ कर की कार्यवाही।
मेजवान रेस्टोरेंट से भरा पनीर का सेम्पल।
डीएम अलीगढ़ श्री चन्द्रभूषण के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम द्वारा आज दिनांक 20 अप्रैल 2020 को प्रतिबंधित पान मसाले की सूचना पर अलीगढ़ के मोहल्ला घुडियावाग मुम्बई वाला पेच में पहुंचकर जांच की गई।मौके पर श्री गणेश सेल्स के मैनेजर श्री शशिकांत वार्ष्णेय द्वारा हाथरस से आकर गोदाम के ताले खोले गए अंदर तानसेन ब्रांड पान मसाले के 23 कार्टून भंडारित पाए गए तानसेन पान मसाले का नमूना संग्रहित किया।इसके अतिरिक्त उसी गोदाम में 16 गत्ते तंबाकू के भी भंडारित पाए गए। तंबाकू का भी नमूना संग्रहित किया गया। कारोबारी पर कोई कागजात जैसे कि खाद्य लाइसेंस खरीद बिक्री के बिल या स्टॉक रजिस्टर नहीं पाए गए। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के नियमों एवं नियमों के विपरीत पान मसाले एवं तंबाकू का एक साथ भंडारण पाए जाने के कारण अवशेष 23 कार्टून 2296 पैकेट तानसेन ब्रांड के पान मसाले के तथा 16 गत्ता तंबाकू के सीज किए गए। उक्त छापामार कार्यवाही मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री अक्षय प्रधान के नेतृत्व में टीम में शामिल खाद्य सुरक्षा अधिकारी कृपाशंकर मनोज कुमार व प्रभु चौधरी द्वारा संपादित की गई। अभिहित अधिकारी श्री सर्वेश मिश्रा ने बताया कि कुल 451951 रुपए मूल्य की सामग्री को सीज किया गया है तथा सम्बन्धित के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। अभिहित अधिकारी अलीगढ़ ने यह भी बताया कि को विड 19 महामारी के दृष्टिगत शासन द्वारा पान मसाले के निर्माण एवं विक्रय पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगाया जा चुका है अतः सभी खाद्य कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि किन्ही भी परिस्थितियों में इनका विक्रय ना करें अन्यथा की दशा में कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। वहीं दूसरी तरफ होम डिलीवरी हेतु अनुमन्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री सैयद अब्दुल्लाह द्वारा किया गया व न्यू मिल्कबार, मेजबान रेस्टोरेंट व विकास स्वीट्स सेंटर पांइट इत्यादि प्रतिष्ठानों के किचन का निरीक्षण किया गया एवं शर्तों का पालन सुनिश्चित कराया गया। समद रोड सेंटर प्वाइंट स्थित मेजबान रेस्टोरेंट के निरीक्षण में पनीर संदिग्ध पाए जाने के कारण उसका नमूना खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अंतर्गत संग्रहित किया जिसे जांच हेतु प्रयोगशाला भेजा जा रहा है।