त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था को मौलिक स्वरूप प्रदान करने का श्रेय, राजीव गांधी को : डाॅ सुनील तिवारी
झांसी । उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पंचायत चुनाव समिति के केन्द्रीय सदस्य डाॅ सुनील तिवारी ने 24 अप्रैल को 'पंचायत राज दिवस' पर प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि आज की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था का वर्तमान स्वरूप भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री राजीव गाँधी जी के द्वारा प्रदत्त सत्ता के विकेन्द्रीकरण का मौलिक रूप है ।
डाॅ सुनील तिवारी ने कहा कि स्व राजीव गांधी जी की परिकल्पना थी, कि ग्राम सभा के स्थानीय स्तर पर विकास का खाका, उन ग्राम सभाओ के चुने हुए व्यक्ति द्वारा खींचा जाना चाहिए । तत्कालीन राजीव गांधी की सरकार में पंचायतीराज बिल पास होकर कानून के रूप में परिणित हुआ ।
इस अवसर किया डाॅ सुनील तिवारी ने जूम कांफ्रेंस के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधिओं से विभिन्न बात कर, ग्राम सभाओं, ब्लाकों और जिला पंचायत के निर्वतमान और वर्तमान प्रतिनिधियों से चर्चा की ।
चर्चा में प्रमुख रूप से लाॅक डाउन में क्रय केन्द्रों पर होने वाली बारदानों की कमी, आवक की तुलाई में लेट लतीफी, आने वाली खरीफ की फसल के कार्य हेतु किसानो के पास धन की अनुपलब्धता, मनरेगा के बकाया धन का भुगतान ना होने के साथ अन्य प्रान्तों से वापस लौटे लोगों को ग्राम सभाओं के स्तर पर रोजगार की प्रमुख समस्या है ।
डाॅ सुनील तिवारी ने सभी प्रतिनिधिओं को आश्वस्त किया कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ने आप सभी समस्याओं को प्राथमिकता के साथ सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया है, प्रदेश की प्रभारी महासचिव माननीया श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा और प्रदेश अध्यक्ष माननीय अजय कुमार 'लल्लू ' के निर्देशन में बुन्देलखण्ड के कांग्रेस जन, हर वंचित की लड़ाई लडने को तैयार है।